विशेष विपणन सहायता स्‍कीम (एसएमएएस)

As of June 2019, 16,556 SC-ST entrepreneurs have been benefitted through 655 events 

विशेष विपणन सहायता स्‍कीम (एसएमएएस)

 

अपने उत्पादों की प्रतियोगितात्मकता और विपणनीयता में वृद्धि करने के लिए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमों को विपणन सहायता नेशनल एस सी एस टी हब के अंतर्गत निम्नलिखित तरीके से उपलब्ध कराई जाती है :

  • विदेशों में अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों/व्यापार मेलों/संगोष्ठियों मंं जाने की व्यवस्था करना।
  • विदेशों में अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों/व्यापार मेलों/संगोष्ठियों मंं सहभागिता।
  • घरेलू प्रदर्शिनियों/व्यापार मेलों में जाने की व्यवस्था करना।
  • घरेलू प्रदर्शिनियों/व्यापार मेलों भाग लेने में सहभागिता।
  • वेंडर विकास कार्यक्रम।
  • कार्यशालाएं/संगोष्ठियां/जागरूकता अभियान आयोजित करना।

विशेष विपणन सहायता स्कीम की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • अनुसूचित जनजाति/ अनुसूचित जनजाति इकाइयां, इस योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के समय एमएसएमई डेटा बैंक में पंजीकृत होनी चाहिए।
  • प्रदर्शनी/व्यापार मेले में बूथ/स्टाल का आकार 3 मीटर X 3 मीटर से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
  • अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति उद्यमियों को एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 2 (दो) अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों और 4 (चार) घरेलू प्रदर्शनियों के लिए प्रतिपूर्ति की अनुमति होगी, चाहे उनके स्वामित्व वाली इकाइयों की संख्या कितनी भी हो। इसके अलावा, कोई व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में एक से अधिक एमएसई का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता।
  • विदेशों में अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों/व्यापार मेलों/संगोष्ठियों मंं जाने के लिए पांच अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति उद्यमियों की न्यूनतम सहभागिता आवश्यक है। विदेशों में अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों/व्यापार मेलों में भाग लेने के लिए इकाइयों की कोई न्यूनतम संख्या निर्धारित नहीं है।
  • विदेशों में अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में पांच या इससे अधिक अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति उद्यमों द्वारा भाग लेने के मामले में एनएसआईसी से एक प्रतिनिधि इनके साथ जा सकता है। तथापि, 10 से अधिक अनुसूचित जनजाति/ अनुसूचित जाति उद्यमों की सहभागिता के मामले में एनएसआईसी/ एमएसएमई मंत्रालय से एक और प्रतिनिधि के नाम पर विचार किया जा सकता है। इन पदाधिकारियों के लिए ड्यूटी भत्ता उनकी हकदारी के अनुसार होगा।
  • अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति इकाइयां घरेलू कार्यक्रमों के लिए कम से कम एक महीना पहले और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिए दो महीने पहले एसएमएएस के अंतर्गत एनएसआईसी के फील्ड कार्यालयों के जरिए एनएसएसएच में आवेदन कर सकती हैं।
  • वेंडर विकास कार्यक्रम के संबंध में, लक्ष्य हर वर्ष निर्धारित किया जाता है।
  • इस योजना के अंतर्गत प्रस्ताव एनएसएसएच स्तर पर प्रोसेस किए जाएंगे और स्क्रीनिंग समिति के समक्ष रखे जाएंगे और इसकी सिफारिश के आधार पर एनएसआईसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक द्वारा अनुमोदन प्रदान किया जा सकता है। विपथनों के आपवादिक मामलों में, ये प्रस्ताव प्रशासनिक मंत्रालय के अनुमोदन के लिए भेजे जाएंगे।
  • अन्य सभी शर्तें और निबंधन, आवेदन-पत्र, अपेक्षित दस्तावेज और समय-समय पर यथासंशोधित एमएसएमई मंत्रालय की अंतर्राष्ट्रीय सहयोग स्कीम के दिशानिर्देशों में विनिर्धारित पात्रता मापदंड, एसएमएएस पर लागू होंगे।
  • उपरोक्त योजना नेशनल एस सी एस टी हब अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति हब स्कीम के अंतर्गत एमएसएमई मंत्रालय द्वारा मॉनीटर और निधिकृत की जाएगी।
  • घटक-वार स्वीकार्यता के साथ प्रस्तावित क्रियाकलाप नीचे दिए गए हैं:

क्रियाकलाप

घटक

सहायता का पैमाना

1.विदेश में अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों/ व्या्पार मेलों/ संगोष्ठियों में जाने की व्यंवस्थां करना

हवाई किराया

भाग लेने वाले प्रत्‍येक अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जाति उद्यम से अनुसूचित जनजाति/ अनुसूचित जनजाति से संबंधित एक प्रतिनिधि के लिए सबसे कम दूरी वाले मार्ग द्वारा किफायती श्रेणी का 100 प्रतिशत हवाई किराया।

दैनिक भत्‍ता

विदेश मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार देश-विनिर्दिष्‍ट दैनिक भत्‍ते की दर का दुगना। इसमें आवास, परिवहन आदि के खर्चे शामिल होंगे।

अधिकतम बजटीय सहायता

भाग लेने वाले अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति उद्यम के लिए प्रति कार्यक्रम सहायता का अधिकतम बजटीय सहायता 1.50 लाख रुपए होगी। 

 

2.विदेश में अंतर्राष्‍ट्रीय प्रदर्शिनियों/ व्‍यापार मेलों में सहभागिता

निर्मित स्‍टाल प्रभार

न्‍यूनतम आकार के स्‍टाल पर 100 प्रतिशत सब्सिडी।

हवाई किराया

विदेश मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार देश-विनिर्दिष्‍ट दैनिक भत्‍ते की दर का दुगना। इसमें आवास, परिवहन आदि के खर्चे शामिल होंगे।

दैनिक भत्‍ता

विदेश मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार विनिर्दिष्‍ट दैनिक भत्‍ते की दर का दुगना। इसमें आवास, परिवहन आदि के खर्चे शामिल होंगे।

माल-भाड़ा

  अधिकतम 30,000/- रुपए

अधिकतम बजटीय सहायता

सूक्ष्‍म अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति उद्यम

3.00 लाख रु.

 

 लघु अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति उद्यम

2.50 लाख रु.

 

मध्‍यम अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति उद्यम

1.50 लाख रु.

3. घरेलू प्रदर्शनियों/ व्‍यापार मेलों में जाने की व्‍यवस्‍था करना

किराया

10,000/- रुपए की अधिकतम सीमा की शर्त के अधीन प्रति अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यम एक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति व्‍यक्ति के लिए निकटतम मार्ग द्वारा निकटतम रेलवे स्‍टेशन/ हवाई अड्डे से प्रदर्शनी के स्‍थान तक बस/रेलगाड़ी/हवाई जहाज से आने-जाने के वास्‍तविक किराये का 100 प्रतिशत (एसी-।।। टियर श्रेणी तक सीमित)।

4. घरेलू प्रदर्शनियों/ व्‍यापार मेलों में सहभागिता

निर्मित स्‍टाल प्रभार

कार्यक्रम के न्‍यूनतम आकार के स्‍टाल पर 100 प्रतिशत सब्सिडी।

किराया

10,000/- रुपए की अधिकतम सीमा की शर्त के अधीन प्रति अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यम एक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति व्‍यक्ति के लिए निकटतम मार्ग द्वारा निकटतम रेलवे स्‍टेशन/ हवाई अड्डे से प्रदर्शनी के स्‍थान तक बस/रेलगाड़ी/हवाई जहाज से आने-जाने के वास्‍तविक किराये का 100 प्रतिशत (एसी-।।। टियर श्रेणी तक सीमित)।

माल-भाड़ा

प्रति प्रदर्शनी 15,000/- रुपए की धनराशि की अधिकतम सीमा की शर्त के अधीन विनिर्माण इकाई के स्‍थान से प्रदर्शन के स्‍थान तक प्रदर्श/उत्‍पाद ले जाने के लिए आने-जाने के 100 प्रतिशत परिवहन प्रभार।

अधिकतम बजटीय सहायता

प्रति कार्यक्रम भाग लेने वाले अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यम के लिए 1.50 लाख रुपए।

5.वेंडर विकास कार्यक्रम

उद्योग संघों द्वारा वीडीपी/बीएसएम आयोजित करना

बजट खर्चे के विभिन्‍न घटकों अर्थात् स्‍थान का किराया, आंतरिक सज्‍जा, विज्ञापन, लेखन-सामग्री एवं मुद्रण सामग्री, परिवहन, दोपहर का भोजन/अल्‍पाहार आदि पर निर्भर होगा। तथापि, वीडीपी के लिए निवल बजटीय सहायता निम्‍नलिखित सीमा की शर्त के अधीन होगी:

राष्‍ट्रीय/राज्‍य/      10.00 लाख रु.

क्षेत्रीय स्‍तर :

  1. 5.00 लाख रुपए, यदि कार्यक्रम 'ए' श्रेणी के शहरों में आयोजित किया जाए।
  2. 3.00 लाख रुपए, यदि कार्यक्रम 'बी' श्रेणी के शहरों में आयोजित किया जाए।
  3. 2.00 लाख रुपए, यदि कार्यक्रम 'सी' श्रेणी के शहरों में आयोजित किया जाए।
  4. 1.00 लाख रुपए, यदि कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित किया जाए।

टिप्‍पणी: वेंडर विकास कार्यक्रमों (वीडीपी) में भाग लेने के लिए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति इकाइयों को परिवहन लागत का भुगतान किया जाएगा।

6.कार्यशालाएं/ संगोष्ठियां/ जागरूकता अभियान

उद्योग संघ/ एनएसआईसी, एमएसएमई डीआई के फील्‍ड कार्यालयों द्वारा आयोजित किए जाने वाले

कार्यशाला/संगोष्ठियां आयोजित करने का खर्च निम्‍नलिखित की अधिकतम सीमा की शर्त के अधीन होगा:

राष्‍ट्रीय स्‍तर – 5.00 लाख रुपए

राज्‍य/क्षेत्रीय स्‍तर:

  1. 'ए' श्रेणी के शहरों के मामले में 2.00 लाख रुपए
  2. 'बी' श्रेणी के शहरों के मामले में 1.00 लाख रुपए
  3. 'सी' श्रेणी के शहरों के मामले में 50,000/- रुपए
  4. ग्रामीण क्षेत्रों के मामले में 30,000/- रुपए
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